रविवार, 24 जुलाई 2011
शनिवार, 23 जुलाई 2011
एगो प्रयास
बहुत जादे दिन भइल लिखला। हिन्दी में त नियमित लिखात रहेला बाकिर भोजपुरी में ना। ईहे वजह बा कि हमेसा देर हो जाता। बाकिर कुछ दिन का बाद सब ठीक हो जाई आ नियमित लिखे लागेम। अभी कुछ दिन पहिले अँजोरिया पर भोजपुरी जिन्दगी पत्रिका के नाया अंक आ आइल बा। ओकरो के पढ़ के आपन बात कहल जरूरी बा। ऊहो बाकिए बा।
शनिवार, 9 जुलाई 2011
आम आदमी(गजल)
आखिर के बाS इहाँ आम आदमी।
रोज पूछेला ई सुबह शाम आदमी।
आम सय में आ ई चार आना में
बजारे बिकाता सरेआम आदमी।
कुत्तो आदमी कह के गारी देता
खूबे कमइले बाS नाम आदमी।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)