रविवार, 19 जून 2011

वर्णमाला के गीत (बालगीत)


क से 'कउआ' ख से 'खाना'
ग से बबुआ गइह 'गाना'

घ से 'घोरा' च से 'चप्पल'
छ से 'छाता' ज से 'जंगल'

शनिवार, 18 जून 2011

तू पूछबS कि हम के हईं (लघुकथा)

पान सौ साल पहिले के बात ह। दुआरी पर एगो राही आइल आ केंवारी बजवालस। घर में से हम निकलनी आ पूछनी कि का बात ह? राही कहलस कि तनिसा जगे चाहीं रहे खातिर। हम अपना खाली जमीन में से तनी सा दे देहनी। पूरा धरती आपने नू ह।

बुधवार, 15 जून 2011

हाल भोजपुरी वेबसाइटन के-1


भोजपुरी में आज ले ओतना वेबसाइट ना बन सकली स जतना एह भासा के बोलेवाला लोग बा। देश में लगभग 6-7 करोड़ लोग भोजपुरी बोले वाला बा लेकिन भोजपुरी साइटन के बात जब होखे त हाल नीमन नइखे। 60-70 गो का छव-सात गो(चर्चा लाएक) वेबसाइट भी भोजपुरी में नइखे। तबहूँ कुछ लोग अइसन बा जे भोजपुरी खातिर आपन तन-मन-धन से लागल बा। ओमें एगो बाड़न अँजोरिया के संचालक-संपादक ओमप्रकाश सिंह जी। आज से आठ बरिस पहिले जब भोजपुरी में वेबसाइट के केहू कल्पना ना कइल तब ईहे आदमी भोजपुरी वेबसाइट, ऊहो हमनी के अपना नागरी लिपि में, शुरु कइल। कहीं-कहीं ईहो सुने के मिल जाला कि भोजपुरी में वेबसाइट अँजोरिया के पहिलहूँ रहे बाकिर एतना त तय बा कि नागरी लिपि में ईहे वेबसाइट सबसे पहिले संसार में आइल।

गुरुवार, 9 जून 2011

मंत्रीजी के फरमाइस(हास्य कविता)


शैम्पेन चाहीं टैंकर के टैंकर
ना चाहीं पंखा ना चाहीं कूलर
मंत्रीजी के अपना एसी चाहीं ।

जब बँटाये देस के दौलत
जइहें ऊहवां धउड़त-धउड़त
थोरका ना इनका बेसी चाहीं ।
ना चाहीं पंखा ना चाहीं कूलर
मंत्रीजी के अपना एसी चाहीं ।

मंगलवार, 7 जून 2011

मुँहचोर लोग आ बाबा रामदेव के अनशन

बाबा रामदेव के अनशन के सरकारी गुंडन के दम पर दबा देवल गइल बा। ई कवनो हिसाब से ठीक नइखे। एहपर एक से एक नेता आपन आपन घटिया बयान दे रहल बा लोग। बाबा के दिल्ली में पन्दरे दिन तक घुसे के भी मनाही हो गइल बा। सरकार आ मस्तिष्क विहीन पुलिस अपना के शेर बुझता बाकिर एकर फल तनिको आच्छा ना होई।