पान सौ साल पहिले के बात ह। दुआरी पर एगो राही आइल आ केंवारी बजवालस। घर में से हम निकलनी आ पूछनी कि का बात ह? राही कहलस कि तनिसा जगे चाहीं रहे खातिर। हम अपना खाली जमीन में से तनी सा दे देहनी। पूरा धरती आपने नू ह।
भोजपुरी में आज ले ओतना वेबसाइट ना बन सकली स जतना एह भासा के बोलेवाला लोग बा। देश में लगभग6-7करोड़ लोग भोजपुरी बोले वाला बा लेकिन भोजपुरी साइटन के बात जब होखे त हाल नीमन नइखे।60-70गो का छव-सात गो(चर्चा लाएक) वेबसाइट भी भोजपुरी में नइखे। तबहूँ कुछ लोग अइसन बा जे भोजपुरी खातिर आपन तन-मन-धन से लागल बा। ओमें एगो बाड़न अँजोरिया के संचालक-संपादक ओमप्रकाश सिंह जी। आज से आठ बरिस पहिले जब भोजपुरी में वेबसाइट के केहू कल्पना ना कइल तब ईहे आदमी भोजपुरी वेबसाइट, ऊहो हमनी के अपना नागरी लिपि में, शुरु कइल। कहीं-कहीं ईहो सुने के मिल जाला कि भोजपुरी में वेबसाइट अँजोरिया के पहिलहूँ रहे बाकिर एतना त तय बा कि नागरी लिपि में ईहे वेबसाइट सबसे पहिले संसार में आइल।
बाबा रामदेव के अनशन के सरकारी गुंडन के दम पर दबा देवल गइल बा। ई कवनो हिसाब से ठीक नइखे। एहपर एक से एक नेता आपन आपन घटिया बयान दे रहल बा लोग। बाबा के दिल्ली में पन्दरे दिन तक घुसे के भी मनाही हो गइल बा। सरकार आ मस्तिष्क विहीन पुलिस अपना के शेर बुझता बाकिर एकर फल तनिको आच्छा ना होई।